The Vishnu Puran هي واحدة من ثمانية عشر Mahapuranas، وهو نوع من النصوص القديمة والقرون الوسطى من الهندوسية. إنه نص بانشاراترا مهم في كوربوس الأدب في VaishNavism.
لقد نجا مخطوطات فيشنو بورانا في العصر الحديث في العديد من الإصدارات. أكثر من أي بورانا رئيسية أخرى، تقدم Vishnu Purana محتوياتها بتنسيق Pancalaksana - Sarga (Cosmogony)، Pratisarga (علم الكونيات)، فامسا (علم الأنساب الأسطوري للآلهة، الأحكام والملوك)، مانفانتارا (دورات كونية)، و Vamsanucaritam (أساطير خلال أوقات الملوك المختلفة). بعض مخطوطات النص غير صالحة لعدم إدارة الأقسام الموجودة في بيوراناس رئيسية أخرى، مثل تلك الموجودة في المحطمية والأدلة السياحية على الحج، ولكن بعض الإصدارات تشمل فصول على المعابد وأدلة السفر إلى مواقع الحج المقدسة.
विष्णु पुराण 18 पुराणों में से एक है، यह पुराण अन्य पुराणों की अपेक्ष यह छोटा है. इसमें अब मात्र सात हजार श्लोक ही पाए जाते हैं. विष्णु पुराण की रचना महर्षि वसिष्ठ के पौत्र और वेदव्यास के पिता पराशर ऋषि ने की है، विष्णु पुराण में भगवान विष्णु और उनके भक्तों के बारे में वर्णन मिलता है जिसमें बहुत ही रोचक कथाएं हैं.
विष्णु पुराण में विष्णु के अवतारों का वर्णन मिलेगा जिसमें श्री कृष्ण चरित्र और राम का का विशेष उल्लेख है.
इस पुराण के छह अध्याय है. प्रथम में सृष्टि की उत्पत्ति और के स्वरूप के साथ साथ ह्रुव، पृथु तथा प्रह्लाद की रोचक कथाएं हैं. द्वितीय में सभी लोकों का स्वरूप वर्णन वर पृथ्वी के नौ खंडों के साथ ही ग्रह-नक्षत्रों का वर्णन मिलेगा. तृतीय में मन्वन्तर काल، वेद शाखाओं का विस्तार، गृहस्थ धर्म और श्राद्ध-विधि आदि का वर्णन मिलेगा. चतुर्थ में सूर्य वंश वंश और चन्द्र वंश के राजा तथा उनकी वंशावलियों का वर्णन है. पंचम में में श्रीकृष्ण चरित्र और उनकी लीलाओं का वर्णन है. अंत में छठे अध्याय में प्रलय तथा मोक्ष का ज्ञान मिलेग.
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