Shree Murlidhar Ji Maharaj

3 (15)

Sosial | 1.6MB

Penerangan

संत श्री मुरलीधर जी महाराज का जन्म 13 अगस्त 1970 में गुजरात के मेहसाना जिला के कल्लोल गांव में रामावत वैष्णव परिवार में हुआ। इनके माताजी का नाम सोनी देवी है तथा पिताजी का नाम लालदास जी था। बचपन में इन्हें वीतरागी परम वैष्णव संत श्री जमनादास जी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इन्होने अपनी प्राथमिक शिक्षा जन्म स्थान कल्लोल से ग्रहण की तथा स्नातक तक की शिक्षा जोधपूर में ग्रहण की जहाँ हाल ही में मूल-निवास है।
हनुमान मंदिर गौशाला:-
मुरलीधर जी महाराज की गऊ माता के प्रति अत्यंन्त श्रद्धा हैं, गायों की रक्षा एवं उनकी सेंवा करने के लिए उन्होने 3 वर्ष पूर्व सुरसागर में संकट मोचन हनुमान मंदिर गौशाला की स्थापना की हैं, जहां पर 30-35 की संख्या में गाय व सांड हैं, यहाँ पर गायों का चारा, गौशाला का रख रखाव का खर्चा पंडित जी स्वंय ही वहन करते हैं। महाराज जी गायों की रक्षा करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं उन्हे जब भी कही किसी असहाय, लावारिस गाय के बारे में पता चलता या जानकारी मिलती तो उसे अपनी गौशाला में लाकर उनकी सेवा करते हैं, गायों के बीमार होने पर उनका र्इलाज कराते हैं। उनके अनुसार गायों की सेवा करने से मनुष्य जाति को ही लाभ मिलेगा आजकल अलग-अलग किस्म की दवार्इ बनाने में गो-मूत्र का प्रयोग किया जाता हैं। जब अच्छी किस्म की गाय नही रहेगी तो इस कार्य में बाधा ही उत्पत्र होगी। लेकिन आज मनुष्य के पास गायों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए पर्याप्त समय ही नही हैं। गायों के प्रति सेवा का भाव आज के समय में विलुप्त ही हो गया हैं यह स्थिति ठीक नही हैं। महाराज जी कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी भागवत गीता में गऊ माता की सेवा की बात कही हैं। पंडित जी गायों की इस स्थिति से बहुत आहत हैं वे हमेशा समाज के लोगो को गऊ माता के प्रति श्रद्धा और सम्मान की भावना रखने के लिए जोर देते है।

Show More Less

Maklumat

Dikemas kini:

Versi Semasa: 1.0

Memerlukan Android: Android 3.0 or later

Rate

Share by

Awak juga mungkin menyukai