Shree Yamuna Maharani

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शिक्षा | 2.1MB

विवरण

यह एप्लीकेशन
यमुना
जी का वृहद ब्यौरा,भौगोलिक स्वरुप व पुष्टिमार्ग का नज़रिया प्रस्तुत कराती है।
यमुनाष्टक, यमुना जी के पद , यमुना जी की आरती व यम द्वितीया सहित कई जानकारियां समाहित की गई है !
सभी वैष्णवों के लिए अति उपयोगी जानकारी । जय श्री कृष्णा !
यमराज और यमुना दोनों का ही स्वरूप काला बताया जाता है जबकि यह दोनों ही परम तेजस्वी सूर्य की संतान है। फिर भी इनका स्वरूप काला है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य की एक पत्नी छाया थी, छाया दिखने में भयंकर काली थी इसी वजह से उनकी संतान यमराज और यमुना भी श्याम वर्ण पैदा हुए। यमुना से यमराज से वरदान ले रखा है कि जो भी व्यक्ति यमुना में स्नान करेगा उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। दीपावली के दूसरे दिन यम द्वितीया को यमुना और यमराज के मिलन बताया गया है। इसी वजह से इस दिन भाई-बहन के लिए 'भाई दूज' के रूप में मनाया जाता है।
अवतार वर्णन: ऐसा पुराणों में वर्णन आता है के देवी यमुना (अपने प्राकट्य रूप में) सूर्यदेव की पुत्री तथा मृत्यु के देवता यमराज इनके अग्रज व शनिदेव इनके अनुज हैं। वैष्णव मतानुसार, यमुना भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी हैं। जहां श्री कृष्ण ब्रज संस्कृति के जनक कहे जाते है, वहां यमुना ब्रज संस्कृति की जननी मानी जाती है।
अतः यमुना जी सत्यरूप में ब्रजवासियों की माता है। अतः ब्रज क्षेत्र में इन्हें यमुना मैया कहा जाता है। ऐसा गर्ग संहिता में वर्णन है कि गोलोक में श्रीकृष्ण ने राधा से भूतल पर अवतरित होने का आग्रह किया था । जहां वृंदावन, यमुना व गोव‌र्द्धन न हो, वहां जाकर सुखानुभूति न होने की बात राधा ने कही। तब श्रीकृष्ण ने सबको ब्रज-मंडल में अवतरित कराया।
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आपका = योगेश कुमार अमाना .= (Yogesh Kumar Amana) Yoguru Technologies
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